अब आ पहुंचा हमारे छोटे शहरों में कोरोना। अब आ पहुंचा हमारे छोटे शहरों में कोरोना।
रौंद रही है मृत्यु चरण से काँप उठा यह विश्व मरण से। रौंद रही है मृत्यु चरण से काँप उठा यह विश्व मरण से।
जिस तरह नदी अपनी राह पर निरंतर बढ़ती जाती है, कवियत्री भी अपने सपनों की तरफ बढ़ रही हैं। जिस तरह नदी अपनी राह पर निरंतर बढ़ती जाती है, कवियत्री भी अपने सपनों की तरफ बढ़ रह...
एक और एक मिल पक्षी भी शिकारी का जाल ले उड़े। एक और एक मिल पक्षी भी शिकारी का जाल ले उड़े।
शून्य और संख्या एक दुसरे के पूरक हैं शून्य और संख्या एक दुसरे के पूरक हैं
हमारे एकता का स्वर अनसुना चला जाता है। हमारे एकता का स्वर अनसुना चला जाता है।